Best 115+ Khamoshi Shayari In Hindi | दिल की खामोशी शायरी

Khamoshi Shayari In Hindi : दोस्तों हमने यहां पर दिल की खामोशी शायरी लिखकर साझा की है। दोस्तों यह शायरी की जरूरत तब होती है जब हम खामोश हो चुके होते हैं। हमारे खामोश हो जाने की बहुत सारी वजह हो सकती है, कभी दिल टूट जाने से तो कभी किसी के नाराज होने से, कई बार हम खुद से ज्यादा किसी पर भरोसा करते हैं और वह हमारा भरोसा तोड़ देता है तो हमारे दिल को बहुत ही चोट पहुंचती है, तो हम बात करना बंद कर देते हैं किसी से कुछ बात नहीं करते इसी को हम हमारे दिल की खामोशी कहते हैं। जब हम खामोश हो जाते हैं तो हम बस खोया हुआ और चुप महसूस करते हैं। अगर आप भी आजकल चुप और खामोश रहते हैं तो हमारे पास खामोशी के लिए कुछ खास बेवजह खामोशी शायरी और दिल की खामोशी शायरी हैं जो आपको पसंद आएगी। दोस्तों यह Khamoshi Shayari In Hindi हमने खूबसूरत तस्वीरों के साथ साझा की है जो आपकी खामोशी और मन की गहराई को बयां करेंगी। आप इस शायरी को अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लगाकर अपने दोस्त और रिश्तेदार को यह बता सकते हैं कि आजकल आप कितने खामोश और टूटा हुआ महसूस कर रहे है।

Khamoshi Shayari In Hindi

मेरा चुपचाप रहना
यह मेरी ख़ामोशी है
मुझ Par क्या-क्या बीती
इस बात की निशानी है..!

उससे फिर उसका रब फ़रामोश हो गया
जो वक़्त के सवाल पर
ख़ामोश Ho गया..!

मेरे दिल को अक्सर छू लेते है
ख़ामोश चेहरे,
हंसते हुए चेहरों में मुझे Fareb नज़र आता हैं..!

अधूरी कहानी पर खामोश
होठों का पहरा है,
चोट रूह की है
इसलिए Dard जरा गहरा है..!

मेरे ख्यालों में वो रहती है मुझे अपना वो कहती है
फिर भी कभी-कभी वो खामोश Rahti है..!

अग़र मोहब्बत नही थी तो फक़त एक बार बताया तो होता ये कम्बख़त दिल तुम्हारी ख़ामोशी को Ishq समझ बैठा..!

वो सुना रहे थे
अपनी वफाओं के किस्से
हम पर नज़र Nazar पड़ी तो
खामोश हो गए..!

आंखों से बात करना Koi उनसे सीखे
खामोश रहकर भी बातें करना उनसे सीखे..!

दिल की खामोशी शायरी

हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामुशी Kya चीज़ है..!

लोगों की परवाह नहीं
तेरी ख़ामोशी का डर है
तू ही Meri दुनिया है
तू ही मेरा घर है..!

कुछ हादसे इंसान को
इतना खामोश कर देते हैं कि
जरूरी Baat कहने को भी
दिल नहीं करता..!

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में Kuch और भी हैं..!

एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने
तुम्हारी Khamoshi पढते हुए
एक उम्र गुज़ार देंगे
तुम्हें महसूस करते हुए..!

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूँढ लेती है
बड़ी शातिर है ये Duniya
मजा लेने का बहाना भी ढ़ूँढ लेती है..!

मेरे रूठ जाने से अब उनको कोई फर्क नहीं पड़ता
बेचैन कर देती थी कभी जिस Ko ख़ामोशी मेरी..!

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
हम उतना याद आयेंगे जितना Tum हमें भुलाओगे..!

खामोशी शायरी 2 लाइन Love

मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँ
कितना ख़ामोश हूँ मैं Andar से..!

कैसी है ये मोहब्बत कैसा ये प्यार है
एक तरफ है ख़ामोशी एक तरफ Intezar है..!

ख़ामोश हो जा ऐ दिल ,यहां अब Tera काम नही
लब तो कब से ख़ामोश है,लब पे तेरा अब नाम नही..!

आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से
हर अदा अच्छी ख़मोशी की Ada अच्छी नहीं..!

जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ
दर्द की मर्जी हैं कि दुनिया को Khabar हो जाएँ..!

लफ़्जों का वज़न उससे पूछो…
जिसने उठा रखी Ho ख़ामोशी लबों पर..!

गौर से सुनेगा तो एक शोर सुनाई देगा
Khamosh जुबां से कुछ और सुनाई देगा..!

ख़ामोशी से जब तुम भर जाओगे
चीख लेना थोडा वरना Mar जाओगे..!

बेवजह खामोशी शायरी

लोगों को शोर में
नींद नहीं आती,
मुझे एक इंसान की
खामोशी Sone नहीं देती..!

उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई
बड़ी अच्छी Tarah से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई..!

वक्त की खामोशी में Kuch बातें छुपी होती हैं,
जो हम नहीं समझ पाते, वो लबों से जुड़ी होती हैं..!

अल्फाज को रखा है हमने इश्क के हिफाजत मैं
खामोशी लापरवाह है अक्सर रिश्ते Kho देती हैं..!

खामोशियां बहुत कुछ बोलती है
पर इन्हें कोई सुन पाए
ऐसा खास आज तक मिला नहीं..!

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूं
उन से कितना कुछ कहने Ki कोशिश की..!

लब तो खामोश रहेंगे ये Vada है मेरा तुमसे
अगर कह बैठी कुछ निगाहें तो खफा मत होना..!

ख़ामोशी की तह में
छुपा लीजिए सारी उलझनें,
शोर कभी मुश्किलों को आसान Nahi करता..!

खामोशी शायरी 4 लाइन

खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम
असल में उनसे ही Rishte गहरे होते है..!

हम लबों से कह न पाए
उनसे हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं
ये ख़ामोशी Kya चीज है..!

उदास रहता है मन मेरा
बदल गया है जीवन मेरा
जब से वो ख़ामोश हुई है
तब से रूठ गया है DiL मेरा..!

अच्छा करते है वो लोग
जो मोहब्बत का Izhaar नहीं करते
ख़ामोशी से मर जाते है मगर
किसी को बदनाम नहीं करते..!

कितना बेहतर होता हैं
खामोश हो जाना,
ना कोई कुछ पूछता है,
ना Kisi को कुछ बताना पड़ता है..!

हो रहा हूँ करीब तुझसे
जैसे खीँच रही कोई डोर है,
बाहर तेरे ना होने की खामोशी
और भीतर Tera ही शोर है..!

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना
अपने दिल को थोड़ा बेकरार Kar लेना
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना..!

मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूं
कितना खामोश हूं मैं अंदर Se
यह बता नहीं सकता मैं..!

जिंदगी खामोशी शायरी

शब्द, मन, जज्बात,
एक एक करके सब खामोश हो गए..!

मैंने अपनी खामोशी से,
कई बार सुकून खरीदा है..!

Dil की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं..!

कुछ दिनों से बेज़ार होते जा रहा हूँ मैं
Yaar बहुत हुआ अब ख़ामोश होने जा रहा हूँ..!

चेहरे से मायूस लग रही
जुबां से ख़ामोश लग रही
कहीं इसकी वजह मैं To नहीं..!

तेरा चुप रहना मेरे ज़हन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया..!

शब-ए-हिज्रां बुझा बैठी हूँ मैं सारे सितारे Par
कोई फ़ानूस रौशन है ख़मोशी से मेरे अंदर..!

कैसे कह दूँ मैं सपनों को Jeene की ख़्वाहिश नहीं
हाँ मैं ख़ामोश रहती हूँ पर मन ही मन बोलती हूँ..!

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