दोस्तों आज के इस लेख में हमने Nafrat Shayari In Hindi साझा कि है जब कोई हमारे साथ पूरा बर्ताव करता है, प्यार मोहब्बत में या फिर रिश्तेदारी में हमसे झूठ बोलता है या धोखेबाजी करता है तो हमें उनसे नफरत हो जाती है। दोस्तों जिससे हमें नफरत हो जाती है उसके साथ हंसना बोलना तो क्या हम उनकी तरफ देखना भी बंद कर देते हैं। नफरत इंसान के दिमाग में क्रोध और गुस्सा पैदा करती है। अगर आपको भी किसी से नफरत हो गई है और आप नफरत शायरी हिंदी में पढ़ना चाहते हैं तो आपके यहां पर लड़के और लड़कियों के लिए Attitude Nafrat Shayari मिलेगी। आप इस नफरत शायरी को अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप्प स्टेटस पर लगाकर आपके नफरत करने वालों को जला सकते हैं।
Contents
Nafrat Shayari In Hindi
नफरतों Ko जलाओ मोहोब्बत की रौशनी होगी,
वरना- इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है।।
मुझसे नफरत करने वाले भी,
कमाल का Hunar रखते हैं,
मुझे देखना तक नहीं चाहते,
लेकिन नजर मुझपर ही रखते हैं।।
हंसती खेलती जिंदगी Veeran लगने लगती है,
जब भरोसा कोई एक तोड़ता है,
और नफ़रत सबसे होने लगती है।।
एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं,
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो Jindagi बीत जाती हैं।।
Nafrat करने वाले भी
गजब का प्यार करते हैं मुझसे,
जब भी मिलते हैं,
कहते हैं तुझे छोड़ेंगे नहीं।।
नफरत की आग जो तुमने,
इस दिल में लगाई है,
तुमसे ही नही मोहब्बत,
से भी हमें Shikayat हुई है।।
जरूरत है मुझे नये नफरत करने वालों की
पुराने To अब मुझे चाहने लगे है।।
कोई पूछे अगर तुमसे मेरी कहानी,
कह देना, नफ़रत के भी Kitab
नही था।।
नफरत शायरी हिंदी में
जिनसे थी बेइंतहा मोहब्बत उसने ही धोखा Diya है
नफरत की आग लगाकर हमको जुदा किया है।।
बेहद गुस्सा करते हो आजकल,
नफ़रत करने लगे हो, या
मोहब्बत ज्यादा Ho गई।।
मोहब्बत सच्ची हो तो कभी नफरत नहीं होती है,
अगर Nafrat होती है तो मोहब्बत सच्ची नहीं होती है।।
तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी,
अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा Kya होगा।।
मोहब्बत से फुरसत
नहीं Mili वरना,
कर के बताते की
नफ़रत किसे कहते हैं।।
टूटी फूटी कश्ती और एक खुशक Samundar देखा था,
रात मैने झांक के शायद अपने ही अंदर देखा था।।
दिखावे की मुहब्बत से बेहतर है नफरत ही Karo हमसे,
हम सच्चे जज्बातो की बड़ी कदर किया करते हैं।।
मिलो एक बार तो तुम,
शिद्दत से एक बात करनी है,
तुझ से गले Lag कर
तेरी ही शिकायतें हजार करनी है।।
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Attitude Nafrat Shayari
कल की तैयारी Tum आज से करो,
अपनी तुलना कबूतरों से नही,
बाज से करो।।
ना कोई शिकवा ना कोई ग़म,
अब जैसी दुनिया वैसे हम।।
बस नफरत ही कर सकते हो हमसे,
जिस दिन हाथ लगा दिया
उसी Din दफना देंगे तुम्हे।।
गरीबी से नफ़रत तो है
मगर बदलने की चाह नही,
मौजूद हजारों Raste हैं,
मगर कहते हैं राह नही।।
अभी मरम्मत चल रही है जिंदगी की,
जल्द ही उठेंगे, Toofan लेकर।।
प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ,
नफरत करुंगा तो जिक्र Bhi नही करुंगा।।
इतनी भी नफरत ना कर ए जिंदगी मुझसे,
कहीं ऐसा ना हो तुझे भी Chhod दूं।।
जब वो शख़्स Dil से ही उतर गया,
तो फिर क्यों सोचें कि किधर गया।।
Nafrat Shayari 2 Line
नही हो अब Tum हिस्सा मेरी किसी हसरत के,
तुम काबिल हो तो बस नफ़रत के।।
तेरी बेवफाई में ना नफरत हुई,
और ना ही इश्क Khatm हुआ।।
हमें बरबाद करना है तो हमसे Pyar करो
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे।।
तुम से Rishta अब कुछ ऐसा है,
ना नफ़रत है, ना इश्क़ पहले जैसा है।।
मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतों से भी अच्छी Rahi नफरत उसकी।।
जिदंगी सता तो रही है,
मगर कौन कैसा है, बता To रही है।।
लेकर के मेरा नाम मुझे कोसता तो है,
नफरत ही सही, पर वह Mujhe सोचता तो है।।
मुझे नफ़रत पसंद है
मगर दिखावे Ka प्यार नही।।
बेवफा नफरत शायरी
खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही कुछ तो है,
जो वो Sirf हमसे करते हैं।।
बचपन से लेकर आज तक सबकुछ खोया गया,
एक तू Bhi ना मिले तो शिकायत कैसी।।
भूल जाऊं कुछ भी मगर,
लिखना नहीं Bhulta
नफ़रत भी कर लूं तुझसे कितनी भी
तुझे याद करना नहीं भूलता।।
मैं काबिले नफरत हूँ तो छोड़ दे मुझको,
तू मुझसे यूँ दिखावे की मोहब्बत न Kiya कर।।
हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है,
ऐ सनम, किसी दिन हम सो गए तो तुझे
नींद से Nafrat हो जायेगी।।
ना जाने क्यु कोसते है लोग बदसुरती को,
बरबाद करने वाले तो Hasin चहेरे होते है।।
दिलों में अगर पली बेजान कोई हसरत न होती,
हम इंसानों को इंसानों Se यूँ नफरत न होती।।
ए खुदा रखना मेरे दुश्मनो को भी मेहफूज,
वरना मेरी तेरे Pass आने की दुवा कौन करेगा।।
झूठ से नफरत शायरी
कत्ल तो लाजिम है इस Bewafa शहर में,
जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता है।।
तेरी नफरत को मैने प्यार समझ कर अपनाया है,
Pyar से ही नफरत खत्म होता है,
तूने ही तो समझाया है।।
कुछ अजीब सा रिश्ता है,
उसके और मेरे दरमियां,
न नफ़रत की Vaja मिल रही,
न मोहब्बत का सिला।।
उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से,
अब नयी दुनिया लाये कहाँ से।।
कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा,
हर शख्स को नफरत हो Jaruri तो नहीं।।
जब से पता चला है, की मरने का नाम है “जींदगी”,
तब से, कफ़न बांधे कातील Ko ढूढ़ते हैं।।
इसी लिए तो बच्चों पे नूर सा बरसता है,
शरारतें करते हैं, साजिशें तो Nahi करते।।
नफरत हो जाएगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही लहज़े में तुझसे Baat करूं।।
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